Donald Trump Faces Criminal Allegations Over Election Interference: Prosecutors Argue No Immunity for Private Acts

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In a recently released court filing, prosecutors have accused former U.S. President Donald Trump of committing crimes in an attempt to overturn his 2020 election defeat. The filing, led by Special Counsel Jack Smith, directly challenges Trump’s claims of immunity under a Supreme Court ruling that offers protection for official acts while in office. Prosecutors argue that Trump’s actions related to the 2020 election were personal rather than official and that he should face trial as any other private citizen would.

Background of the Case

Trump, who lost the 2020 election to President Joe Biden, has consistently claimed that the election was rigged, a stance that has fueled multiple lawsuits and investigations. This new filing, however, seeks to advance the criminal case against Trump, focusing on his attempts to interfere with the certification of the election results. The case has been in the spotlight since it was filed by the Department of Justice more than a year ago, but delays have pushed the trial closer to the 2024 election.

Trump’s Claim of Immunity

Central to Trump’s defense is a Supreme Court ruling from July 2023, which grants broad immunity to presidents for actions performed in their official capacity while in office. Trump’s legal team argues that his actions after the 2020 election fall under this protection. However, prosecutors assert that many of Trump’s efforts to overturn the election results were not official presidential duties but rather personal and campaign-related activities.

The court filing points out several moments where Trump’s actions, such as spreading false claims about election fraud and attempting to block the certification of Biden’s victory, were rooted in personal interests. Prosecutors highlight instances where Trump was acting as a candidate or private citizen, rather than performing duties as president.

Allegations of Election Interference

The filing presents new evidence, including claims that Trump always planned to declare victory in the 2020 election, regardless of the actual outcome. Prosecutors argue that he knowingly spread false information about voter fraud, labeling some of his own claims as “crazy.” They also claim that Trump’s campaign, with the help of allies like his lawyer Rudy Giuliani, tried to exploit the violence and chaos of the January 6 Capitol riot to delay the certification of election results.

In the document, prosecutors outline how Trump and his team allegedly sought to challenge election results in battleground states. For example, during the vote counting in Michigan, a Trump operative allegedly instructed a colleague to find reasons to question the validity of ballots favoring Biden in order to file lawsuits.

Role of Mike Pence and January 6 Capitol Riot

A key element in the prosecution’s case is Trump’s relationship with his Vice-President, Mike Pence. According to the filing, Pence expressed doubts about Trump’s voter fraud claims and attempted to convince him to accept the election loss. On January 6, 2021, rioters stormed the Capitol as Congress was set to certify Biden’s win, with some chanting “Hang Mike Pence” after the vice-president refused to obstruct the certification process.

The document suggests that Trump was indifferent to Pence’s safety during the riot, reportedly responding with a dismissive “So what?” when informed that Pence had been moved to a secure location. This strained relationship between Trump and Pence eventually became public, with Pence openly criticizing Trump’s actions surrounding the Capitol insurrection.

Prosecutors’ Next Steps

While Trump continues to deny any wrongdoing, the new filing represents a significant step in the case against him. Prosecutors are seeking to show that Trump’s alleged private actions in contesting the election results should not be protected by presidential immunity.

The court filing presents the clearest view yet of how prosecutors would make their case at trial, providing specific details about Trump’s efforts to block the election certification. The case is still pending, and no trial date has been set. However, with the 2024 presidential election on the horizon, the outcome of this case could have a significant impact on Trump’s political future, as he is vying once again for the White House.

Trump has criticized the release of the document, calling it a “hit job” and accusing prosecutors of misconduct. He argues that the timing of the filing, coming just before the next election, is politically motivated.

Conclusion

This latest development in the criminal case against Donald Trump centers on whether he can be held accountable for actions taken in a personal capacity during and after the 2020 election. Prosecutors claim that Trump’s alleged crimes, including spreading false voter fraud claims and attempting to delay the certification of election results, were part of a private effort, not official presidential duties. The outcome of the case could shape Trump’s future as he campaigns for another run at the presidency in 2024.

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In Hindi

हाल ही में जारी एक अदालती फाइलिंग में अभियोजकों ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर 2020 के चुनाव में उनकी हार को पलटने के प्रयास में अपराध करने का आरोप लगाया है। यह फाइलिंग विशेष वकील जैक स्मिथ के नेतृत्व में आई है, जिसमें ट्रम्प के इस दावे को चुनौती दी गई है कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत छूट मिलनी चाहिए, जो आधिकारिक कृत्यों पर अभियोजन से सुरक्षा प्रदान करता है। अभियोजकों का कहना है कि ट्रम्प की कई कार्रवाइयाँ आधिकारिक नहीं बल्कि निजी थीं, इसलिए उन्हें एक आम नागरिक की तरह मुकदमे का सामना करना चाहिए।

मामले की पृष्ठभूमि

2020 के चुनाव में जो बाइडेन से हारने के बाद, ट्रम्प ने लगातार चुनावी धांधली का दावा किया। इसी संदर्भ में उनके खिलाफ कई मुकदमे और जांचें चल रही हैं। यह नई फाइलिंग ट्रम्प के खिलाफ चल रहे आपराधिक मामले को आगे बढ़ाने का प्रयास है, जिसमें आरोप है कि उन्होंने चुनाव परिणामों के प्रमाणन को रोकने की कोशिश की। यह मामला पिछले एक साल से चर्चाओं में है, लेकिन कई देरी के कारण मुकदमा अभी तक शुरू नहीं हो पाया है।

ट्रम्प का छूट का दावा

ट्रम्प की रक्षा का केंद्र जुलाई 2023 में आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला है, जो राष्ट्रपति को उनके आधिकारिक कृत्यों के लिए व्यापक सुरक्षा प्रदान करता है। ट्रम्प की कानूनी टीम का कहना है कि चुनाव के बाद उनकी कार्रवाइयाँ इस सुरक्षा के दायरे में आती हैं। लेकिन अभियोजकों का दावा है कि ट्रम्प की कई गतिविधियाँ, जैसे चुनावी धोखाधड़ी के झूठे दावे फैलाना और बाइडेन की जीत के प्रमाणन को रोकने की कोशिश करना, निजी हितों से प्रेरित थीं।

अभियोजक फाइलिंग में कई उदाहरण प्रस्तुत करते हैं, जहाँ ट्रम्प राष्ट्रपति के रूप में नहीं बल्कि एक उम्मीदवार या निजी नागरिक के रूप में कार्य कर रहे थे।

चुनाव में हस्तक्षेप के आरोप

फाइलिंग में नए सबूत पेश किए गए हैं, जिनमें आरोप लगाया गया है कि ट्रम्प ने चुनाव परिणाम की परवाह किए बिना खुद को विजयी घोषित करने की योजना पहले से ही बना रखी थी। अभियोजकों का आरोप है कि ट्रम्प ने जानबूझकर धोखाधड़ी के झूठे दावे फैलाए, जिनमें से कुछ को उन्होंने खुद “पागल” कहा था।

फाइलिंग में यह भी कहा गया है कि ट्रम्प की टीम, जिसमें उनके वकील रूडी गिउलियानी भी शामिल थे, ने 6 जनवरी, 2021 को कैपिटल दंगे के दौरान चुनाव परिणामों के प्रमाणन में देरी करने के लिए हिंसा और अराजकता का फायदा उठाने की कोशिश की। इसके अलावा, ट्रम्प के समर्थकों ने बैटलग्राउंड राज्यों में चुनाव परिणामों को चुनौती देने की योजना बनाई, विशेष रूप से मिशिगन में, जहाँ उनके सहयोगियों ने मतपत्रों में कुछ गड़बड़ी ढूंढने की कोशिश की ताकि कानूनी कार्रवाई की जा सके।

माइक पेंस और 6 जनवरी के कैपिटल दंगे की भूमिका

अभियोजन पक्ष का एक महत्वपूर्ण तत्व ट्रम्प और उनके उपराष्ट्रपति माइक पेंस के बीच का रिश्ता है। फाइलिंग के अनुसार, पेंस ने ट्रम्प के चुनावी धोखाधड़ी के दावों पर संदेह जताया और उन्हें चुनाव हार स्वीकार करने के लिए समझाने की कोशिश की। 6 जनवरी, 2021 को जब दंगाइयों ने कैपिटल पर हमला किया, तो कुछ ने पेंस के खिलाफ “हैंग माइक पेंस” के नारे लगाए, क्योंकि उन्होंने चुनाव परिणामों के प्रमाणन को रोकने से इनकार कर दिया था।

दस्तावेज़ से यह भी पता चलता है कि जब ट्रम्प को बताया गया कि पेंस को एक सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है, तो उन्होंने कथित तौर पर कहा, “तो क्या?” इस घटना के बाद ट्रम्प और पेंस के रिश्ते में खटास आ गई, और पेंस ने सार्वजनिक रूप से ट्रम्प की आलोचना की।

अभियोजकों का अगला कदम

हालाँकि ट्रम्प ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है, यह नई फाइलिंग उनके खिलाफ मामले को महत्वपूर्ण रूप से आगे बढ़ाती है। अभियोजक यह साबित करने की कोशिश कर रहे हैं कि चुनाव परिणामों को पलटने की कोशिश के दौरान ट्रम्प ने जो निजी कदम उठाए, वे उन्हें राष्ट्रपति छूट के दायरे से बाहर कर देते हैं।

यह फाइलिंग अब तक का सबसे स्पष्ट दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है कि अभियोजक ट्रम्प के खिलाफ मुकदमे में अपना मामला कैसे पेश करेंगे। हालाँकि, अभी तक मुकदमे की तारीख तय नहीं की गई है। लेकिन 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के निकट आने के साथ ही इस मामले का नतीजा ट्रम्प के राजनीतिक भविष्य को प्रभावित कर सकता है।

ट्रम्प ने इस दस्तावेज़ की रिलीज़ की निंदा की, इसे “हिट जॉब” कहा और अभियोजकों पर “भयानक दुर्व्यवहार” का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह मामला उनकी “पूरी जीत” के साथ समाप्त होगा।

निष्कर्ष

यह मामला इस पर केंद्रित है कि क्या डोनाल्ड ट्रम्प को उनके 2020 चुनाव के बाद निजी रूप से उठाए गए कदमों के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। अभियोजकों का दावा है कि ट्रम्प ने चुनावी धोखाधड़ी के झूठे दावे फैलाकर और चुनाव परिणामों के प्रमाणन में देरी करने की कोशिश कर अपराध किया है। यह मुकदमा न केवल ट्रम्प के भविष्य को प्रभावित कर सकता है, बल्कि 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

By Tarun

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